एकलव्य महाविद्यालय
शिक्षा ही वास्तविक शक्ति है। शिक्षा के द्वारा समाज के सभी वर्गों गरीबों-अमीरों के लिये खोलकर शिक्षा को सर्वसुलभ किया जा चुका है। गुरूओं ने भारत की प्राचीन सभ्यता में महान आदर एवं सम्मान प्राप्त किया है। महाभारत के महान जननायक 'एकलव्य' इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। भले ही सामान्य रूप से आज कुछ बदली हुई परिस्थिति समझ में आती हो, परन्तु शिक्षित एवं समझदार लोगों के दिलों में आज भी गुरूओं के प्रति महान श्रद्धा एवं सम्मान बाकी है। हो सकता इस बदलाव के लिये । केवल शिक्षक ही जिम्मेदार न हो परन्तु इसके कारणों को खोजने एवं समाधान का उत्तरदायित्व प्रमुख रूप से शिक्षकों को ही उठाना होगा।
किसी शिक्षा संस्थान का बुनियादी कर्तव्य एक ऐसा ढांचा तैयार करना है जिसके अन्दर छात्र-छात्राएं अपनी बुद्धि का विकास कर सके, और एक ऐसी जीवन शैली का विकास हो जो पूरे मानव समाज के लिए अनुसरणीय हो। ऐसा तभी सम्भव है जब महाविद्यालय प्रशासन छात्र-छात्राओं में ऐसा भरोसा जगा सके कि वह भी महाविद्यालय प्रशासन के एक अंग है और महाविद्यालय की उन्नति में उनकी एक अहम भूमिका है।
हमारे प्रोफेसर और शिक्षक इस यात्रा में आपके मार्गदर्शक और प्रेरणा स्रोत होंगे, और
हमारे संगठन के बेहद सुविधाजनक संसाधनों से आपका साथ देंगे। हम शिक्षा के अलावा भी आपके सामाजिक और व्यक्तिगत विकास को महत्वपूर्ण मानते हैं। हमारे कॉलेज में विभिन्न शैली के साथ-साथ छात्रों को विकसित करने के बहुत सारे सार्वजनिक कार्यक्रम, क्लब और संगठन हैं।
"धनुर्धर महावीर एकलव्य" जिनके नाम पर बांदा जनपद के दुरेडी ऐतिहासिक ग्राम्यांचल की प्राकृतिक छटा के साये में इस महाविद्यालय की स्थापना एकलव्य सेवा संस्थान के अथक प्रयासों से की गई है, जिसमें समाज सेविका एवं एजूकेशनिष्ट श्रीमती शकुन्तला देवी जी का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है। हम चाहते है कि सभी मिलजुलकर एक ऐसी मिसाल कायम करें जिससे हमें धनुर्धर एकलव्य का आदर्श स्थापित करने तथा एक अग्रणी शिक्षा संस्थान होने का गौरव प्राप्त हो ।
.
शिक्षा का नया सत्र शुरू होने जा रहा है इस सुअवसर पर ओ.एस.डी. होने के नाते हम महाविद्यालय प्रबन्धतन्त्र की ओर से आप सबका स्वागत करते हैं, एवं दिली मुबारकबाद पेश करते है।
यद्यपि कुछ ही वर्षों में बहुत कुछ किया जा चुका है परन्तु अभी भी बहुत कुछ किया जाना शेष है। हम शिक्षकों, कर्मचारियों, छात्र - छात्राओं, क्षेत्र से जुड़े हुए समाज सेविओं एवं सभी वर्गों से आग्रह करते है कि महाविद्यालय के उत्थान में अपनी सक्रिय भूमिका अदा कर हमें अनुग्रहीत करें।